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17.5.20

कवि कमलेश शर्मा '' कमल '' की कविता - '' प्रार्थना ''














प्रार्थना

हे परमपिता,  हे  माँ शारदा,  मुझको  ऐसा  तुम  वरदान दो ।
रुक न पाए कभी, कलम ये मेरी, मुझको ऐसा कोई ज्ञान दो।। 1

बन के तेरा उपासक,करूँ प्रार्थना, मेरी वाणी को न विराम दो
छूना चाहूँ गगन,  तेरी छांव में,  भावनाओं को वो आयाम दो।। 2
हे परमपिता……

शब्दों की माला ये, मुरझाए ना, चाहे जैसा तुम मुझे मान दो।
गीत गाता रहूँ,  तेरे रात दिन,  मेरे अधरों को वो सम्मान दो ।। 3
हे परमपिता………

ना कोई दुखी, ना कोई गम,  सबके चहरों पे ऐसी मुस्कान दो।
चाहे देना मुझे, जो भी तुम प्रभु, मुझको कोई न अभिमान दो।। 4
हे परमपिता……





      -कमलेश शर्मा " कमल "





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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई 

माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867



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