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24.5.20

कवि कमलेश शर्मा '' कवि कमल '' की कविता - '' महाराणा प्रताप ''













 महाराणा प्रताप


अमीट स्याही से लिख दी गाथा ,  अपने  ही  बलिदान  की ।
जय मेवाड़ के वीर प्रताप ,  जय  -  जय   राजस्थान   की ।।

जेष्ठ शुक्ल तृतीया को , हिन्दुआ   सूरज  का  जन्म  हुआ ।
उदयसिंह जयवंता के जाये ने,  अजबदे  से  विवाह  किया ।।

कुम्भलगढ़ , गोगुन्दा,चावंड,  खमनोर  भी वो  निशानी  है ।
हल्दीघाटी  और  दिवेर  की ,  इतिहास में अमर कहानी है ।।

जलाल,मानसिंह,भगवानदास, टोडर,आये कई प्रस्ताव लिए।
सच्चे ,  शूरवीर ,  देशभक्त , योद्धा  ने  सब  है ठुकरा दिए ।।

रक्त  बहा  था  झालामान,  राणा पुंजा, हकिम की छाती से ।
धन्य हुई  मेवाड़  धरा  भामाशाह ,  चेतक  जैसे  साथी  से ।।

मातृभूमि   की   रक्षा   के   खातिर   प्रण  एक  ऐसा  लिया ।
छोड़  दिए  सब  राज - पाट ,  जंगल  में  पूरा जीवन किया ।।

प्राण   दे   दिए  पर  लाज  रखी  है,  अपने  हिन्दूस्तान  की ।
जय   हो   महाराणा   प्रताप ,  जय -  जय  राजस्थान  की ।। **

                                           



                        अध्यापक 
                    मु.पो.:- अरनोद, जिला:- प्रतापगढ़ (राज.)
                    मो.9691921612







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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई

 माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867





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