संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
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8.4.21
कवि संगीत कुमार वर्णबाल की कविता - " हे मानव "
30.3.21
कवि श्रीकृष्ण शर्मा का गीत - " उदास सुबह "
यह गीत , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " बोल मेरे मौन " ( गीत - संग्रह ) से लिया गया है -
उदास सुबह
मैंने सपने नहीं सजाये !!
जो भी हुआ , हुआ अनजाने ,
आँसू जो आँखों में आये !
मैंने सपने नहीं सजाये !!
जहाँ उदास सुबह बैठी थी ,
मैं जन्मा था उस आँगन में ,
किलकारी भरते अभाव थे ,
जहाँ गरीबी के दामन थे ;
कभी नहीं मन में आया था ,
कोई इस तम को उजराये ,
पर मैं बिखर गया जब तुमने ,
मेरे रिसते व्रण सहलाये !
मैंने सपने नहीं सजाये !! **
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
29.3.21
कवि श्रीकृष्ण शर्मा की कुण्डलिया - " बनी बाँसुरी आजादी " ( भाग - 1 )
यह कुण्डलिया , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " अँधेरा बढ़ रहा है ... " ( नवगीत - संग्रह ) से लिया गया है -
बनी बाँसुरी आजादी
भाग - ( 1 )
जनता के दुख - दर्द का , जिन्हें नहीं अहसास |
बता रहे खुद को वही , हम हैं ख़ासमख़ास ||
हम हैं खासमखास , हमीं जनसेवक , भाई |
जन - जन की कर रहे , देख लो , हम अगुआई ||
करते कुछ बदनाम , सिरफिरे बात बना के |
सच पूछो तो हमीं हितैषी इस जनता के || **
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
28.3.21
26.3.21
कवि श्रीकृष्ण शर्मा का मुक्तक - " फागुनी मुक्तक "
यह मुक्तक , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " मेरी छोटी आँजुरी " ( दोहा - सतसई ) से लिया गया है -
फागुनी मुक्तक
इस धूल के हर कन में , रंगों का जनम होता ,
फगुनौटी का हर झोंका , लगता है कि ' रम ' होता ,
बेहद सजी औ ' सँवरी मुद्रा लिए प्रणामी -
ये बगिया देख करके दुलहिन का भरम होता | **
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
23.3.21
कवि श्रीकृष्ण शर्मा का नवगीत - " तेरे बिन ओ मीता ! "
यह नवगीत , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " एक नदी कोलाहल " ( नवगीत - संग्रह ) से लिया गया है -
तेरे बिन ओ मीता !
आँखों में रात गयी ,
पथ तकते दिन बीता ,
तेरे बिन ओ मीता !
अंधकार के घर से
सुबह निकल आयी है ,
पूरब ने कंधों पर
रोशनी उठायी है ;
किन्तु दिखी नहीं कहीं
सपनों की परिणीता !
इन्द्रधनुष थे लेकिन
इंतजार में टूटे ,
कर डाले सारे सच
उदासियों ने झूठे ;
शहर सभी सूना है ,
भरा - भरा मन रीता ! **
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
21.3.21
पवन शर्मा की लघुकथा - " सारी रात "
यह लघुकथा , पवन शर्मा की पुस्तक - " हम जहाँ हैं " ( लघुकथा - संग्रह ) से लिया गया है -
सारी रात
गर्मी की उमस थी , सब लोग छत पर बैठे खाना खा रहे थे |
मैं कई दिन बाद घर आया हूँ | पिताजी पूछते जा रहे थे - ' क्या हाल है ? ... कैसा चल रहा है ? ... सब ठीक तो है न ? ... बहू - बच्चों को ले आता तो ठीक रहता ... बहुत दिन हो गए उन्हें देखे बिना ... मन दौड़ता रहता है बच्चों के पीछे ... | '
मैं हाँ ... हूँ में उत्तर दे रहा था |
मेरी थाली में रोटी ख़त्म देखकर माँ ने पूछा , ' रोटी रखूँ '
' नहीं ... पेट भर गया | ' कहते हुए मैंने थाली पर अपने हाथ रख लिए |
' एक रोटी ले ले न ! ' माँ ने आग्रह किया |
मैंने फिर सिर हिलाकर मना कर दिया |
' ले - ले ... तू लेगा , तो मैं भी एक रोटी और ले लूँगा | ' पिताजी बोले |
' एक तो क्या आधी भी नहीं चल पायेगी | ' मैंने साफ़ मना कर दिया |
' तेरी मर्जीं ... ! पिताजी ने कहा |
थोड़ी देर बाद हम लोग खाना खाकर उठ गए |
मुझे सारी रात नींद नहीं आई | लगता रहा कि मैंने पिताजी को खाने की थाली पर से भूखे पेट उठा दिया है ! **
- पवन शर्मा
श्री नंदलाल सूद शासकीय
उत्कृष्ट विद्यालय
जुन्नारदेव , जिला –
छिंदवाड़ा ( मध्यप्रदेश )
फोन नम्बर –
9425837079
Email – pawansharma7079@gmail.com
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
16.3.21
कवि श्रीकृष्ण शर्मा का नवगीत - " उठ रहीं लपटें "
यह नवगीत , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " एक नदी कोलाहल " ( नवगीत - संग्रह ) से लिया गया है -
उठ रहीं लपटें
उठा रहीं लपटें !
सो रहे थे
रात को जब लोग
मस्ती में ,
सिरफिरों ने
तब लगा दी आग
बस्ती में ;
चीख - चिल्लाहट मची थी ,
सिर्फ घबराहट बची थी ,
देखते सब राख होते ,
पर जियाले , धूल - मिट्टी
आग पर पटकें !
हादसों के
खौफ़ में डूबी
हुई राहें ,
मौत की
हर मोड़ पर फैली
हुई बाँहें ,
हर क़दम बारूद के घर ,
वहम , संशय , फ़िक्र औ ' डर ,
इन क्षणों हैं आग कितने ,
जलाने आतंक को जो
लपट बन झपटें ! **
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
14.3.21
पवन शर्मा की लघुकथा - " पहली बार "
यह लघुकथा , पवन शर्मा की पुस्तक - " मेरी चुनिन्दा लघुकथाएँ " से ली गई है -
पहली बार
ट्रेन सीटी देती है , फिर
प्लेटफ़ॉर्म पर धीरे – धीरे रेंगने लगती है | वह देखता है डिब्बे के दरवाजे पर खड़े
हुए कि प्लेटफ़ॉर्म की भीड़ में अम्मा और बाबूजी के हाथ उठे हुए हैं – विदा देते हुए
|
जब प्लेटफ़ॉर्म निकल जाता है तब वह
पत्नी के पास आकर बर्थ पर बैठ जाता है | बाहर सब – कुछ पीछे छूट जाता है ... अम्मा
भी ...बाबूजी भी... |
“ आज बाबूजी बहुत चुप थे | पता नहीं
क्यों ? ” वह कहता है |
“ शायद अपन लोगों के आने की वजह से | ” पत्नी कहती है |
“ हो सकता है | आज सुबह मुझसे कह रहे
थे कि नरेन तुझसे बहुत जरुरी बात कहनी है , वर्षा के बारे में | सम्बन्ध तो तय हो
गया है , किन्तु ... | समझ नहीं पाया मैं | क्या कहना चाहते थे ? शायद ये कि वर्षा
की शादी तुम्हारे बिना सम्भव नहीं है | कहते क्यों नहीं | कम – से – कम कहना तो
चाहिए | मेरा ऐसा समझना कहाँ तक सही है , कह नहीं सकता | ”
“ तुम क्यों नहीं समझ पाते | तुम तो
समझदार हो | कोई छोटे बच्चे तो नहीं | सभी बात क्या बाबूजी अपने मुँह से ही कहें ,
तभी तुम करोगे ! ” पत्नी कहती है |
अचानक उसे लगा कि सचमुच सभी बात बाबूजी
ही कहेंगे , तभी वो करेगा , वैसे नहीं | वह क्यों नहीं समझ पाया अभी तक ? क्या इसी
वजह से अम्मा और बाबूजी उसे पहुँचाने आए थे स्टेशन ... पहली बार ! **
- पवन शर्मा
श्री नंदलाल सूद शासकीय
उत्कृष्ट विद्यालय
जुन्नारदेव , जिला –
छिंदवाड़ा ( मध्यप्रदेश )
फोन नम्बर –
9425837079
Email – pawansharma7079@gmail.com
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान )
, फोन नम्बर
– 9414771867.
8.3.21
कवि , कहानीकार , लघुकथाकार , पवन शर्मा की लघुकथा - " लाचारी "
यह लघुकथा , पवन शर्मा की पुस्तक - " मेरी चुनिन्दा लघुकथाएँ " में से ली गई है -
लाचारी
मुझे ऐसी बातों से कोफ्त है
| फिजूल बातें ... जो हो चुका , उसको दुहराने से क्या लाभ ? लेकिन अम्मा हैं कि
हमेशा गढ़े मुर्दे उखाड़ती रहती हैं | कई बार मामाजी को पत्र में लिखवा भी चुकी हैं ...
मेरे द्वारा ... कुसुम के द्वारा ... और आज जब से मामाजी आए हैं , तब से अम्मा का
मुँह फूला हुआ है | घर में कोई मेहमान आ जाए
, तब तो खुश रहना चाहिए |
मामाजी नीची नजरें करके खाना खाते जा
रहे हैं | बाबू भी पास बैठे खा रहे हैं | कुसुम अम्मा के पास बैठी है | मैं दरवाजे
के बाहर चटाई पर बैठा हूँ|
“ तोए कम – से – कम आ तो जानो थो |
” अम्मा बोलीं |
मामाजी कुछ नहीं कहते | चुपचाप खाना
खाते रहे |
“ जानत है ... मामा होवे के बावजूद
हमने दूसरे के हाथ से मामा का नेग करवाओ थो ... अरे , आ तो जातो कम – से – कम ...
कुछ करतो चाहे नईं करतो | शादी में हमारी इज्जत तो बच जाती | सभी के मुँह पे जेई
बात थी कि भान्जी की शादी हो रही है ... मामा का कहीं पता नई है | ” अम्मा फिर से पुरानी आदत पर आती जा रही हैं |
जिसके ऊपर बिगड़ जाएँ ... जो भी सुनाना होता है ... सुना देती हैं |
“ भौत इच्छा थी आवे की ... आ नईं पाओ
जिज्जी | सारी जिन्दगी तोए बोलवे कूँ हो गयो | ”
मामाजी बोले |
“ काए के लाने नईं आ पाओ ? ”
“ ... ” मामाजी खाना खाते रहे |
“ बता न , काए के लाने नईं आ पाओ ” अम्मा फिर पूछती हैं |
“ बस्स , जेई मत पूछ जिज्जी ! ” एकदम मामाजी के चेहरे पर लाचारी उमड़ आई | मैनें
स्पष्ट रूप से देखी उनके चेहरे की लाचारी ... अम्मा ने देखी या नहीं ... पता नहीं !
**
- पवन शर्मा
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
7.3.21
कवि संगीत कुमार वर्णबाल की कविता - " होली का मौसम "
होली का मौसम
संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
4.3.21
कवि श्रीकृष्ण शर्मा का नवगीत - " बाजों की दहशत में "
यह नवगीत , कवि श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक " एक नदी कोलाहल " से लिया गया है -
संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
3.3.21
कवि अजय विश्वकर्मा की ग़ज़ल - " लहजे में मीठापन जिसके "
लहजे में मीठापन जिसके
लहजे में मीठापन जिसके , फ़ितरत में ग़द्दारी है
पहले नंबर उसकी यारी , दूजी दुनियादारी है
इतना भी मत सोचो जानी !, जज़्बातों की क़द्र करो
याद करो बाबा कहते थे, 'दिल दिमाग़ पे भारी है'
गोया मेरे पाँव के नीचे से ज़मीन ही ग़ायब
थी
कोई कल ये पूछ रहा था , मरने की तैयारी है ?
कल दुनियाँ से धूल न चटवा दी तो नाम बदल देना
माना आज सिफ़र हैं लेकिन मेहनत अपनी जारी है
सदियों पहले कोई आशिक़ दफ़्न किया था , उस जा पे
कुछ को आग समझ आती है , कुछ कहते चिंगारी है
हम फ़कीरों की क्या तैयारी , जब आना आ जाए मौत
न तो अपना सूटकेस है , न कोई अलमारी है
हम - तुम घर से
भागके जानाँ ! ट्रेन में पकड़ाए अफ़सोस !
अपनी बाज़ी हार गए हम , अब दुनिया
की बारी है **
- अजय
विश्वकर्मा
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
2.3.21
कवि अजय विश्वकर्मा की ग़ज़ल - " आबो - हवा बदल गई "
आबो - हवा बदल गई
आबो - हवा
बदल गई, मौसम बदल गए
मुफ़लिस की
रोटी दाल से धनवान पल गए
मय की
ख़ता न जानिए,नज़रों का था क़ुसूर
बस इक निगाहे-नाज़
थी जो हम फिसल गए
क्या आपकी
निगाह में आब-ए- हयात था
जिसको
पिलाया आपने वो सब मचल गए
अब ज़िन्दगी
की राह में तन्हा बचे हैं हम
था जिसका
इन्तिज़ार वो कब के निकल गए
पत्थर का दिल है
आपका सब झूठ कह रहे
मेरी मुहब्बतों से तो पत्थर पिघल गए **
- अजय विश्वकर्मा
मण्डी बमोरा,जिला -विदिशा,मध्यप्रदेश
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
डॉ० अनिल चड्डा - संपादक - साहित्यसुधा - " सूचना " -
मान्यवर
डॉ० अनिल चड्डा
संपादक
साहित्यसुधा
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
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