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20.10.21

कवि नरेंद्र कुमार आचार्य की कविता - " जागो ! देश के करण धार युवाओं "

 










जागो ! देश के करण धार युवाओं 


हे !आधुनिक शिक्षित युवाओं उठो जागो अब तो ।
क्या तुम अपनी शक्ति को भूल जाओगे ?
क्या तुम अपने संस्कार मिटा दोगे ?
क्या तुम अपने पूर्वजों की थाती नीलाम कर दोगे ?
क्या तहस - नहस कर दोगे अपने गौरव को ?
क्या भूला पाओगे अपने अभिमान को ?
जिस देश का अभिमान हिमालय है ।
जिस देश का पैर धोता सागर महान है।
जिस देश के उर पर गंगा का मैदान है ।
ऋषि मुनि जिस देश की शान है ।
यश और गाथाओं की देश में भरमार है ।
शौर्य और वीरता से भरी कहानियां हैं ।
वीरांगना झांसी की रानी ने अपने दम पर मुकाबला किया।
देश हित अपने प्राणों को दाव पर लगा दिया ।
याद करो गांधी को सत्य अहिंसा का पाठ सीखा गया ।
आजादी का उपहार हमको दे गया ।
याद करो प्रताप चंद्रसेन को ।
जिन्होंने मुगलों से लोहा लिया ।
सत्ता चली गई कांटो का मार्ग चुना ।
नहीं झुकाया सिर अपना देश का मन बढ़ाया ।
तुम ऐसे महान देश की संतान हो ।
क्या तुम अपनी आजादी का मूल्य ऐसे चुकाओगे ?
अपने ही देश को लूट - लूट कर खाओगे ।
क्या आज के बंधन इतने कठोर है जो तोड़े नहीं जाते ?
मिटा दो अपने भीतर के भ्रष्टाचारी राक्षस को ।
मिटा दो अपने भीतर के व्यभिचारी को।
अधिकार मिले तुमको तो देश हित में लगा देना ।
मिले सत्ता तुमको तो देश कल्याण में लगा देना ।
छोड़ दो घोटालों का मार्ग कुछ तो श्रम करो ।
हे !आज के शिक्षित युवाओं तुम स्वयं को शिक्षित बनाओ।
अगर देश का युवा वर्ग सुधर जाए ।
तो देश अपना बुलंदियों पर पहुंच जाए।
हे !आज के शिक्षित युवाओं पहचानो अपनी शक्ति को ।
तुम देश के कर्णधार तुम ही खेवन हार हो ।
तुम ही खेवनहार हो  **


                                                      - नरेंद्र कुमार आचार्य 

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.

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