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17.6.20

कवि श्रीकृष्ण शर्मा का मुक्तक - '' वाह - वाह है ! ''


       ( कवि श्रीकृष्ण शर्मा के मुक्तक - संग्रह - '’ चाँद झील में '' से लिया गया है )




2 comments:

  1. मयंक जी , आपको यह मुक्तक पसंद आया , इसके लिए बहुत - बहुत धन्यवाद |

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