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19.6.20

कवि रामचन्दर '' आजाद '' की कविता - '' समय की चाह ''










समय की चाह

आ  गया है  वक़्त अब  कुछ कर  दिखाने  का ।
दुश्मन को सबक उसके ही घर में सिखाने का ।।

गीदड़ भी  बोलने  लगे  जब   शेर   की   वाणी ।
फिर शेर को तो चाहिए कुछ कर  दिखाने  का ।।

जब  सरहदें  पुकारती   हों   चीख - चीख   कर ।
समझो की  सही  वक़्त है पौरुष   दिखाने  का ।।

दुश्मन जब  अकड़ और  मनमर्जी   लगे  करने ।
बातों से  नहीं शस्त्र से  कुछ कर   दिखाने  का ।।

क्या खूब  कहा  है किसी ने  मरकर न वे  मरते ।
आज़ाद इरादे न जिनके कभी पीठ दिखाने  का ।। **


    रामचन्दर  '' आजाद '' 







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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867

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