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कवि श्रीकृष्ण शर्मा का मुक्तक - '' अन्तर ''



      कवि श्रीकृष्ण शर्मा के मुक्तक - संग्रह - '’ चाँद झील में '' से लिया गया है -




2 comments:

  1. शर्मा जी प्रणाम, आपने बहुत खूब ल‍िखा... चल उठता है न‍िष्प्राण च‍ित्र ..वाह

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  2. जी धन्यवाद अलकनंदा जी |

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