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25.3.20

ऐसा कब तक चलेगा



















( कवि श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत - संग्रह - '' एक अक्षर और '' से लिया गया है )



ऐसा कब तक चलेगा 

ऐसा कब तक चलेगा ?
उफ़ ऐसा कब तक चलेगा ?

बुझती चिनगारी
औ '  कंदारते अक्स ,
कटी जड़ों वाले 
ये रिरियाते शख्स ,
          प्रश्न क्या उछालेंगे ?
          गर्दन झुका लेंगे |
जब कोई तनिक घुड़क देगा |

उफ़ ऐसा कब तक चलेगा ?

बदमिजाज मौसम ,
ये नामुराद दृश्य ,
दुर्घटना वाले पथ ,
अन्धे भविष्य ,
          सपने क्या पालेंगे ?
          चीखें - चिल्ला लेंगे |
जब कोई पहिया कुचलेगा |

उफ़ ऐसा कब तक चलेगा ?

                                 **
            - श्रीकृष्ण शर्मा 
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www.shrikrishnasharma.com

संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867

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