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27.4.20

संगीत कुमार वर्णबाल की कविता - '' मानव क्यों हैवान बना ''














मानव क्यों हैवान बना
हे मानव क्यों हैवान बना ? पालघर में नरसंहार किया ।
दानव क्यों बन बैठा तू , साधक का क्यों कत्ल किया?।।
मनुजता क्यों खो बैठा तू , दनुजता क्यों सर मँड़रा रहा?।
मानवता को कलंकित कर, क्यों ऐसा तूने कर दिया?।।
हे मानव क्यों हैवान बना।
ऐसा क्या विपदा छाया, शोणित क्यों बहा दिया ?|
सज्जन, भलमानुष का क्यों ऐसा कत्ल किया?।।
राक्षसी प्रवृत्ति क्यों आया, तूने ऐसा क्यों कर दिया?।
जग शत्रु बन क्यों तू जी रहा?।।
हे मानव क्यों हैवान बना।
क्यों सब घर सो बैठा है? क्यों न कुछ बोल रहा?।
उजियाली में क्यों न दिखता है, क्या आँख से अंधा हो गया?।।
नेतागिरी सब का कहाँ गया, देश का दुश्मन बन क्यों बैठा है?।
यती ने क्या ऐसा किया था, क्यों उसका जान लिया?।।
हे मानव क्यों हैवान बना?।
ईश्वर की ये धरती है, क्यों दानवता छा गया ?।
राक्षस बन क्यों बैठा है,देश कलंकित क्यों कर दिया?।।
जागो-जागो मानव जागो, मनुजता का लाज बचाओ ना।
राक्षसी प्रवृत्ति त्यागो, देश प्रेमी बन जाओ ना।।
हे मानव क्यों हैवान बना?
विश्व को शांति का पाठ हमने दिया, क्यों अशांति मँडरा रहा?। मनुज क्यों दानव बन देश कलंकित कर रहा? ।।
जागो-जागो राष्ट्र प्रेमी जागो, शांति का पाठ पढाओ ना।
दानवी प्रवृत्ति को छोड़, मनुष्य प्रेमी बन जाओ ना।।
हे मानव क्यों हैवान बना? **

                  - संगीत कुमार वर्णबाल 
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संगीत कुमार वनबाल
जबलपुर
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संकलन
- सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर  (
राजस्थान )
,फोन नम्बर– 09414771867
 

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