Followers

24.1.20

पीड़ाएँ बड़ी हुई














( कवि श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत - संग्रह - '' एक अक्षर और '' से लिया गया है )


पीड़ाएँ बड़ी हुई 

यादों ने 
घेर लिया मन !

          टेर गयी 
          भूली औ ' बिसरी धुन 
          होठों को ,
          छेड़ गये
          दृश्य कई 
          आँखों के पपोटों को ,
महक गया 
काँपी में रक्खे गुलाबों से 
हर आगत क्षण !

यादों ने 
घेर लिया मन |
          इस द्वारे 
          आज भी प्रतीक्षाएँ
          खड़ी हुई ,
          साथ - साथ 
          मेरे सब पीड़ाएँ 
          बड़ी हुई ,
जला रहीं 
घेर कर विवशताएँ 
चन्दन वन !

            - श्रीकृष्ण शर्मा 
------------------------------------------------------


संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867

No comments:

Post a Comment

आपको यह पढ़ कर कैसा लगा | कृपया अपने विचार नीचे दिए हुए Enter your Comment में लिख कर प्रोत्साहित करने की कृपा करें | धन्यवाद |