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31.12.19

याद किसी की


कवि श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत संग्रह - '' बोल मेरे मौन '' से लिया गया है )


याद किसी की 

याद किसी की लेकर जाने 
मन क्यों भारी आज हो उठा ?
उलझ किन्हीं मीठी सुधियों में ,
खुद को ही मैं आज खो उठा !!

भूल गया मैं सब कुछ अपना ,
याद रहा बस केवल तपना ,
तप - तपकर साँसों का घुटना ,
बनकर वाष्प गगन में उठना ,

फिर ठंडी बदर्द कसक का ,
मिलकर चोट मर्म पर करना ,
सहन नहीं कर मेघों - जैसा ,
नयनों का झर - झर झर पड़ना ,

किन्तु सभी कह उठे - ' देखो ,
देखो , पागल आज रो उठा !
याद किसी की लेकर जाने 
मन क्यों भारी आज हो उठा ? ' 

          - श्रीकृष्ण शर्मा 
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867


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