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4.2.21

कवि संगीत कुमार वर्णबाल की कविता - " बसंत "

 











बसंत 


जब फूलों का बहार हो
खेतों में सरसो का चमक हो
गेहूँ की बालियां खिलने लगे
आमों के पेड़ में मंजर आने लगे
तितलियां चहुंओर मंडराने लगे
तो समझो बसंत का आगाज है

बाग बगीचा फूलों से सजने लगे
चहुंदिस सुगंध फैलने लगे
मंद मंद बयार बहने लगे
पेडो़ में नये नये कोपल आने लगे
हरियाली ही हरियाली दिखने लगे
तो समझो बसंत का आगाज है

प्रेम का परवान चढने लगे
अधरो पर गुलाबी मुस्कान आने लगे
मन में संगीत गुनगुनाने लगे
उर में बसंत का बहार आने लगे
चेहरे पर चमक खिलने लगे
तो समझो बसंत का आगाज है  **


           - संगीत कुमार वर्णबाल 

                                    जबलपुर

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.

2 comments:

  1. बहुत - बहुत धन्यवाद शास्त्री जी , आपके प्रोत्साहन के लिए |

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