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4.2.21

कवि श्रीकृष्ण शर्मा का नवगीत - " घट रही हैं "

 यह नवगीत , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " एक नदी कोलाहल " ( नवगीत - संग्रह ) से लिया गया है -














घट रही हैं 


घट रही हैं 

लोमहर्षक 

रोज घटनाएँ |


चोरियों की ,

लूट की 

तो बात मामूली ,

हो गयी अपहरित

भोली औ ' सुघर जूली ;


और 

चौरस्ते सरेबाज़ार 

हत्याएँ |


लग रहा 

हम रह रहे हैं 

एक जंगल में ,

श्वान के स्वर तक 

जहाँ डूबे अमंगल में  ;


प्रश्न 

कैसे नागपाशों से 

निकल पाएँ ?   **


         - श्रीकृष्ण शर्मा 


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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.


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