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22.5.21

कवि नरेंद्र कुमार आचार्य की कविता - " किताबें हमेशा रहेगी "

 









किताबें हमेशा रहेगी


इन्टरनेट का ज्ञान आज है कल नहीं रहेगा । 

अन्तरिक्ष का ज्ञान आज है कल नहीं रहेगा ।

लौटकर आना पड़ेगा एक बार फिर सोचकर देखो ।

किताबों का ज्ञान आज है कल भी रहेगा ।


हवा का ज्ञान हवा में समाप्त हो जाएगा ।

भविष्य में किसी के काम नहीं आएगा ।

कल आज और कल भी रहेगा ज्ञान ।

लिखावट का ज्ञान हमेशा अमर रहेगा ।


ना इन्टरनेट की ना मोबाइल की जरुरत है ।

ना लाईट ना ही तार की जरूरत है ।

देखो पलटकर इतिहास के पन्नों को ।

सिर्फ कागज और कलम की जरूरत है ।


एक दिन तकनीकी युग समाप्त हो जाएगा ।

फिर हवा का ज्ञान तू कहाँ से लाएगा ।

सनातन व शाश्वत सत्य है दुनियाँ में ।

किताबों का लिखा हमेशा रहेगा ।


ना गुगल होगा ना ही यूट्यूब होगा ।

ना वाट्सएप ना ही फेसबुक होगा ।

सब समाप्त हो जाएगा एक दिन ।

सिर्फ किताबें और उसका ज्ञान होगा ।  **


                              - नरेंद्र कुमार आचार्य 

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.


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