यह कविता , पवन शर्मा की पुस्तक - " किसी भी वारदात के बाद " ( कविता - संग्रह ) से लिया गया है -
अब नहीं रहा वो समय
अब नहीं रहा वो समय
कि किराने की दुकान तक
आटा - नोन - तेल लेने
दरवाजे पर सांकल चढ़ा कर ही
निकल जायें
कोई घात लगा कर देख रहा है
अब नहीं रहा
वो समय
जब हँसकर प्रेम से
सुख - दुःख के दो बोल
अपनी पड़ोसन से
बोल लें
किसी की आँखों में सवाल उग रहे हैं
अब नहीं रहा
वो समय
जब नाइट शो देखकर
उसी पिक्चर के गीत गुनगुनाते
रिक्शे पर बैठे
घर लौट आये
रिक्शे वाले की जेब में
चाकू हो सकता है
समय नहीं रहा अब ऐसा कि
किसी स्कूटर से चोट खाये
सड़क पर पड़े
रक्त - रंजित वृद्ध को
अस्पताल पहुँचा दें
और कुछ उर्वर बना लें
मृत होती अपनी संवेदना को
और ऐसा भी नहीं कि
पहली तारीख को
पैंट की जेब में
महीने की तनख्वाह रख
दफ्तर से घर तक
सुरक्षित लौट आयें
यह समय
समय को कैसे जीता जाए
यह सोचने का है | **
-पवन शर्मा
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पता -
श्री नंदलाल सूद शासकीय
उत्कृष्ट विद्यालय
जुन्नारदेव , जिला –
छिंदवाड़ा ( मध्यप्रदेश )
फोन नम्बर –
9425837079
Email – pawansharma7079@gmail.com
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
आदरणीय नितीश तिवारी जी , आपका यह मंच ह्रदय से स्वागत करता है |
ReplyDeleteधन्यवाद सुनील जी, मेरी कविता प्रस्तुत करने के लिए.
ReplyDeleteआप ऐसे ही आशीर्वाद बनाये रखिये , बड़े भाई आदरणीय पवन शर्मा जी |
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