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14.1.21

लघुकथाकार , कवि , कहानीकार पवन शर्मा की कहानी - " सर्वेक्षण "

 यह कहानी पवन शर्मा की पुस्तक - " ये शहर है , साहब ! " से ली गई है -















                  सर्वेक्षण

 

ईँट के भट्टे पर काम करते मजदूरों में मुझे कुछ छोटे – छोटे बच्चे भी दिखाई दिए | तेज धूप के बावजूद वे ईँट के भट्टे पर अपना पसीना बहा रहे हैं |

          अब मेरी ‘ बाल -  श्रमिक सर्वेक्षण ’ की रिपोर्ट पूरी हो जाएगी – सोचकर मैं ईँट के भट्टे की ओर बढ़ गया |

          “ आपको इधर किससे मिलने माँगता ? ” काला चश्मा लगाये , मैला हो गया कुर्ता – पाजामा पहने ... गले में सफेद गमछा डाले ... एक आदमी ने पूछा | मैं समझ गया कि ये ईँट भट्टे का ढेकेदार है |

          “ मुझे बाल – श्रमिक सर्वेक्षण करना है | आपके भट्टे पर मुझे काम करते हुए बच्चे दिखाई दिए , सो आ गया | ” मैंने अपना प्रयोजन बताया |

          “ आप सरकारी आदमी हैं ? ” ठेकेदार की आँखों में प्रश्न उभरा |

          “ हाँ ... मैं ... ”

          मेरी बात पूरी नहीं हो पाई कि वह बीच में बोला , “ इधर कोई बच्चा – वच्चा नहीं , सब बड़ा लोग काम करता है | ”

          “ आप घबराए नहीं | मुझे तो अपनी रिपोर्ट तैयार करनी है कि इस नगर में कितने बच्चे बाल – श्रमिक हैं ... बस | ” मैंने उसे समझाते हुए कहा |

          ठेकेदार थोड़ी देर चुप बैठा रहा , फिर सिर घुमाकर जोर से चिल्लाया , “ ओ जेकी दादा , इधर को आ , तेरे कूँ साब बुलाते | ” फिर मेरी ओर देखकर हँसते हुए बोला , “ उसका अस्सल नाम गणेश ... जैकी श्रॉफ की एक्टिंग मारता , तो इधर सब लोग उस कूँ जैकी दादा बोलता | ”

          सुनकर मैं मुस्करा पड़ा |

          थोड़ी देर बाद तेरह – चौदह साल का एक छोकरा आया और आते ही हाथ की उँगलियाँ नचाते हुए बोला , “ क्या बोलता ... जल्दी बोल ... जादै टैम नहीं अपन के पास | ”

          “ ये साब कुछ पूछना माँगता | ” ठेकेदार ने मेरी ओर इशारा करके कहा , फिर बीड़ी सुलगाई और धुआँ उगलता हुआ ईँट भट्टे की ओर चला दिया |

          दूर काम करते हुए मजदूर मुझे और कथित जैकी दादा को देख रहे थे |

          छोकरे के चेहरे पर धूल जमी होने के बावजूद एक चमक उभरी हुई थी |

          पास से जाते हुए अपनी उम्र के एक छोटे छोकरे को अपनी ओर ताकते पाकर उसने टोका , “ चल – चल ... रास्ता नाप ... देखता नई क्या ... अपुन का इंटरव्यू होता इधर | ” फिर मेरी ओर हाथ की उँगलियाँ नचाते हुए बोला , “ बोलो साब ... क्या बोलता ... अपन के पास टैम नई | ”

          मैं मुस्करा पड़ा |

          “ देखो मैं जो भी पूछूँगा ... तुम सही – सही बताना | ” मैंने उससे कहा |

          “ बताएँगा ... कस्सम से | ”

          मैंने बैग में से बाल – श्रमिक सर्वेक्षण का प्रपत्र और जेब से पेन निकालकर प्रश्न पूछना प्रारम्भ किया |

          “ तुम्हारा नाम ? ”

          “ जैकी दादा | ”

          “ घर का नाम ? ”

          “ गनेश | ”

          “ पिता का नाम ? ”

          “ मंगलू | ”

          “ कहाँ रहते हो ? ”

          “ टेसन के बाजूवाला झोपड़पट्टी में | ”

          “ तुम्हारी उम्र ? ”

          “ अपन की उमर क्या ... अपन दस साल का छोकरा भी और साठ साल का बुड्डा भी | ”

          उसके इस उत्तर पर मुझे हँसी आ गई | उसके उत्तरों को मैं प्रपत्र में लिखता जा रहा था |

          “ कौन – सी कक्षा तक पढ़े हो ? ”

          “ बिल्कुल नईं | ”

          “ क्यों ? ”  **


( शेष , भाग - 2 में )

                                        - पवन शर्मा 

                                                                 श्री नंदलाल सूद शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय

                                      जुन्नारदेव , जिला – छिंदवाड़ा ( मध्यप्रदेश )

                                      फोन नम्बर –   9425837079

                                                                  Email –    pawansharma7079@gmail.com   

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.


3 comments:

  1. बढ़िया.. धन्यवाद सुनील जी 🙏

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  2. बढ़िया.. धन्यवाद सुनील जी 🙏

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    1. बहुत बहुत स्वागत है

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