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28.1.21

कवि बोधिसत्व कस्तूरिया की कविता - " भारत माता शरमिंदा है "

 













भारत माता शरमिंदा है


गणतंत्र दिवस पर भारत माता शरमिंदा है।
खालिस्तानी दंश अभी भी धरा पर जिंदा है।।
पुलिस प्रशासन के निर्देश पर किसान चले,
पर आतंकियों के कारण उनके गले फंदा है।।
72 वर्ष मे ही ढह गया गणतंत्र का अभिमान,
अलगाववादी शक्तियों का मनसूबा जिंदा है।।
राजनीति के गंदे चेहरे राष्ट्रवाद से भी डरते है,
कयोंकि संविधान उनके लिए फांसी फंदा है।।  **

                      -  बोधिसत्व कस्तूरिया

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.

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