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26.1.21

कवि बोधिसत्व कस्तूरिया की कविता - " जय हिंद "


 जय हिंद


जय हिंद का दिया जिसने उदघोष !
बेशक हो गया अब वो खामोश !!
पर केवल उनका ख्याल भर दे जोश !
उनके पराक्रम पर ममता दे रही दोष !! 
क्यो 'पराक्रम दिवस' उनकी जयन्ती ?
सत्ता की राजनीत कितनी है मदहोश ?
देर से सही पर उनका पराभव जगा ,
जननायक था केवल गुलामी आक्रोष !!  **


              - बोधिसत्व कस्तूरिया 

                                          एडवोकेट आगरा 
                                  9412443093 

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.

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