Followers

22.12.20

कवि श्रीकृष्ण शर्मा की कविता - " अँधेरे की पहुँच "

 यह कविता , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " अक्षरों के सेतु " से ली गई है -










अँधेरे की पहुँच

 

बाँध दिया है

ले जाकर एक सिरा

उस पहाड़ी से किरनों का

सन्ध्या ने |

 

और

दिन भर पहना था

अब फाड़ कर फैंक दिया है

उस धूप को

दिन ने |

 

पड़े रह गये हैं

छोटे – बड़े टुकड़े उसके

इधर – उधर

चल रहा है अँधेरा ख़ामोशी से |

 

पल – पल बढ़ते

इस अंधकार की गिरफ़्त से बचने के लिए

पक्षी , ढोर , बालक , मेहनतकश

तेजी से लौट रहे हैं सभी

उजाले की ओर |

 

मैंने भी माचिस में सुरक्षित रखी रोशनी

जलाली है लालटेन में

ताकि –

दूर रह सकूँ सुबह तक

अँधेरे की पहुँच से

मैं | **  


       - श्रीकृष्ण शर्मा 

-----------------------------

संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.


2 comments:

  1. धन्यवाद आदरणीय आलोक सिन्हा जी |

    ReplyDelete

आपको यह पढ़ कर कैसा लगा | कृपया अपने विचार नीचे दिए हुए Enter your Comment में लिख कर प्रोत्साहित करने की कृपा करें | धन्यवाद |