सोशल मीडिया और साहित्य
साहित्य को साझा किया जाता है त्रुटियाँ सुधारने के वास्ते,
बस वाह-वाही कर टिप्पणियों पर टिप्पणियां किए जा रहे हैं,
सोशल मीडिया की चमक की लत लग गई है सारे जमाने को,
जो बिकने का नहीं उसको भी बहुमोल में बस लिए जा रहे हैं।
बस दिखावे की दुनिया है ये सच्चाई बहुत ही कड़वी है,
यहाँ झूठ और थोथेपन के जाम गटागट पिए जा रहे हैं,
क्या लिखा क्या पढ़ा और क्या गंतव्य था उस लेखनी का,
ना तो समझे ना कुछ पल्ले पड़ा बस दाल में पानी सब दिए जा रहे हैं,
वाह-वाह परिशुद्धता पर हो तो चिरकालिक बनेगा साहित्य "निमय"
वरना इस गठजोड़ में तो हमेशा जिए, अब भी जिए जा रहे हैं। **
- नेमीचंद मावरी " निमय "
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
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