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16.10.20

कवि संगीत कुमार वर्णबाल की कविता - " चुनाव "

 











 चुनाव 


चला दौर चुनाव का भैया 
पार्टी सार्टी मन रहा 
दारू मुर्गा खूब चल रहा 
नेता जनता का पैर पकड़ रहा 
खूब वादा कर रहा 
अपने को जनता का बेटा बता रहा
घर घर सब से मिल रहा
अपने को जनता का हितैषी बता रहा
पैदल गाँव गाँव घूम रहा 
एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहा 
अपना गुणगान गा रहा 
सबको उल्लू बना रहा 
चुनाव चुनाव में ही मिल रहा 
चुनाव जीतने पर जनता को भूल रहा
अपना जेब सब भर रहा 
जनता का खून चूस रहा
सब अपने को ईमानदार बता रहा
सच्चाई ऐसा न दिख रहा 
दागी दोषी से है भरा पड़ा 
कोई जेल का चक्कर काट रहा 
तो कोई जेल से चुनाव लड़ रहा 
कुछ तो बीबी,बेटे को चुनाव उतार रहा 
कर जोड़ विनती कर रहा 
जाँच परख कर वोट डालना 
किसी के बहकावे में मत आना 
जर्जर हाल है शिक्षा व्यवस्था का
महाविद्यालय, विश्वविद्यालय सिर्फ चमक रहा 
ज्ञान न अब उसमे मिल रहा 
नेतागिरी सिर्फ हो रहा 
प्रोफेसर साहब कक्षा में न दिख रहे 
लगता जैसे शिक्षण संस्थान बंद पड़ा 
अंचल, अनुमण्डल,  जिला कार्यालय में लोग भटक रहे 
समय से न काम हो रहा 
पर नेता जी कहते खूब तरक्की हो रहा 
बाढ़ सूखे से ग्रस्त रहा 
 नहर नाले का न व्यवस्था हुआ 
 लोगों का जीवन बदहाल हुआ 
मच्छर सब जगह भनभना रहा 
अस्पताल सब गंदगी से भरापरा 
लोगों को उपचार न मिल रहा 
उद्योग धंधा कुछ न स्थापित हुआ
जनता तो प्रांत छोड़ चला 
गुंडागर्दी दिख रहा
लोग बात -बात पर लड़ रहा 
हाल बहुत बुरा है भैया 
जात पात से ऊपर उठना 
अच्छे प्रत्याशी को मिल चुनना 
चला दौर चुनाव का भैया **

                   - संगीत कुमार वर्णबाल 

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.

 
            

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