Followers

10.10.20

कवि संगीत कुमार वर्णबाल की कविता - " चुनाव "

 










चुनाव

आया  महान पर्व चुनाव का 
पार्टी सब सज धज मैदान पहुंच रहे  
अपनत्व सब मिल दिखा रहे 
जनता का हितैषी स्वयं को बता रहे 
जोर शोर से घर घर पहुँच रहे 
एक से बढकर एक वादा  कर रहे 
कुछ गठबंधन टूट गया 
कुछ  नया गठबंधन भी बन रहा 
जात पात का खेल खेल रहा
अभी सब  विकास की बाते कर रहा 
पासवान जी तो बिखर गये 
अकले दम पर  चुनाव लड़ रहे 
जदयू से उलझ गये 
मौसम वैज्ञानिक तो फेल हुए 
महागठबंधन भी टूट गया 
मांझी जी अलग हुए 
मुकेश सहनी भी बिछुड़ गए 
जेएमएम भी अलग हुए 
कुशवाहा जी तो पहले ही छोड़ चले 
पप्पु यादव अलग गठबंधन बना रहे 
जनता के बीच उभर कर जा रहे 
सब मिल जनता के बीच प्रलोभन बांट रहे 
अभी सब जनता को दिवास्वप्न दिखा रहे 
एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे
जनता बीच में घसीटा जा रहा 
कुछ बाहुबली चुनाव से वंचित हुए 
तो पत्नी को मैदान में उतार दिये
 पर नेपथ्य से राजनीति कर रहे
कोई तिहाड़ तो कोई बेउर जेल बंद पड़े 
कुछ तो बाहर सड़क पर घूम रहे
सब सोच विचार कर लेना भैया 
वोट जरूर डालने जाना भैया 
पर किसी के लोभ में न फँसना भैया 
ये सब हैं मतलब के यार
आया महान पर्व चुनाव का **

                - संगीत कुमार वर्णबाल 

---------------------------------------------------

संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.



No comments:

Post a Comment

आपको यह पढ़ कर कैसा लगा | कृपया अपने विचार नीचे दिए हुए Enter your Comment में लिख कर प्रोत्साहित करने की कृपा करें | धन्यवाद |