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3.10.20

कवि श्रीकृष्ण शर्मा का नवगीत - " हम तम में हैं "

 कवि श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत - संग्रह - " एक नदी कोलाहल " से लिया गया है -

 










हम तम में हैं

 

हम तम में हैं , पर तुमको क्या ?

तुमने दीप गगन में बाले !!

 

हम बेघर , बदर , फुटपाथी ,

तुम सतखण्डी महल सँभाले !!

 

बना रहे रक्त को स्वेद हम ,

तुमने उससे मोती ढाले !!

 

जन – जन को हम अन्न दे रहे ,

मुँह से तुम छीनते निवाले !!

 

समिधा हम , आहुति यज्ञों की ,

पर तुम वर पर डाका डाले !!

 

जो हक़ छीने , दौड़ पड़ो सब ,

उस पर खुखरी औ ‘ कटिया ले !! **


            - श्रीकृष्ण शर्मा 


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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.


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