यह लघुकथा पवन शर्मा की पुस्तक - " हम जहाँ हैं " ( लघुकथा - संग्रह ) से ली गई है -
मेरे बाद
जब पिछली बार मिले , तब उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं की , जिससे इस बात का अनुमान लगाया जा सके कि वे कोई मकान खरीदने के चक्कर में हैं |
' अब आपको मकान की क्या जरुरत ? ' मैंने पूछा |
' क्यों ? ' उन्होंने चश्मे को आँखों पर से उतारकर हाथों में ले लिया |
' क्यों क्या ? ... कौन रहेगा उसमें ? ... आप और आपकी धर्मपत्नी ... बस | '
' वे हँसे , कह तो ठीक रहे हो पर ... | '
' पर क्या ... ? बच्चे तो अलग - अलग जगहों पर नौकरी कर रहे हैं ... वे लोग तो मकान का सुख भोग नहीं पायेंगे | '
' जप भी हो , पर मुझे मकान तो खरीदना ही है | ' पैंट की जेब से रुमाल निकालकर उन्होंने चश्में के मोटे- मोटे लैंस को साफ किया और आँखों पर लगा लिया |
' कब खरीदना है ? '
' बात पक्की हो गई है ... आज रजिस्ट्री हो जाएगी | ' वे थोड़ी देर के लिए रुके और अपने आधे हो गए गंजे सिर पर हाथ फिराते हुए बोले , ' अच्छा और बड़ा मकान है ... एक ड्राइंग रूम , चार बैड - रूम , एक किचिन , एक स्टोर - रूम , लैट्रिन . बाथरूम ... खुला और हवादार ... साढ़े तीन लाख में बात पक्की हुई है | '
' पैसों का इंतजाम हो गया ? '
' रिटायरमेंट का पूरा पैसा लगा रहा हूँ मकान खरीदने में | ' वे बोले |
' पूरा पैसा नहीं लगाना चाहिए आपको ... कुछ बचाकर रखना चाहिए , बल्कि मेरे हिसाब से अब आपको मकान खरीदने की आवश्यकता ही नहीं ... सारी ज़िन्दगी किराये के मकान में ही गुज़ार ली , बची हुई भी किराये के मकान में गुज़ारनी थी | ' मैंने कहा |
' तुम सही कहते हो , पर बच्चों की ज़िद के आगे मुझे ये निर्णय लेना पड़ा | ' कहने के बाद वे बाद में अपनी हथेलियाँ रगड़ने लगे |
उनकी बात सुनकर मैं चुप रहा |
मैं जानता हूँ कि मैं लड़ाई - झगड़े , कलह - क्लेश की जड़ खरीद रहा हूँ | '
मैं आश्चर्य से उनकी ओर देखने लगा |
' मेरे और मेरी पत्नी के मरने के बाद इसी मकान के पीछे मेरे बच्चों में आपस में ही खींचा - तानी होगी | '
मैं फिर भी चुप रहा |
' अरे मैं भी कौन - सी बात ले बैठा ... अभी तो मैं ज़िन्दा हूँ ... मेरे मरने के बाद जो भी हो - मुझे क्या करना करना ! '
मैं अवाक् उनका मुँह ताकने लगा | **
- पवन शर्मा
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सम्पर्क सूत्र -
श्री नंदलाल सूद शासकीय
उत्कृष्ट विद्यालय
जुन्नारदेव , जिला –
छिंदवाड़ा ( मध्यप्रदेश )
फोन नम्बर –
9425837079
Email – pawansharma7079@gmail.com
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
अच्छा लिखा है ।
ReplyDeleteआदरणीय आलोक सिन्हा जी , आप हमेशा साहित्यकारों को प्रोत्साहित करते हैं | इससे साहित्यकार दोगुनी ऊर्जा से साहित्य की सेवा में लग जाता है | इस कारण आपका योगदान भी साहित्य के क्षेत्र में अमूल्य है |
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