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15.10.21

कवि मुकेश गोगडे की कविता - " परीक्षा की परीक्षा "

 










परीक्षा की परीक्षा 


मेहनत   मेरी  व्यर्थ  हुई,
सपना भी अब टूट गया।
सिद्दत से जो पाला मैंने ,
वक्त कहाँ वो छूट गया?

मूरत से दिन  भांपा  गया,
माप बुद्धि का मापा गया।
कुछ शाही ने खेल  खेला,
परचा सील से छूट गया।।

कुछ    दौलत  ने  पा   लिया,
कुछ   रिश्तों  ने  खा  लिया।
कुछ   शाला  में  गाँठ  जुड़ी,
कुछ वीक्षक से जान लिया।।

परख ना उसको परख सका।
बेरोजगारी से     हारा  गया।।
गठजोड़ों   की  व्यवस्था    में,
संघर्ष    जीव    मारा     गया।

कुछ  के  कदम सम्हल   गये,
कुछ ने मन  से त्याग   दिया।
बेगारी   से   सागर   भर   दे,
व्यवस्था ने क्या काम किया?

बेच रहा है सब कुछ अपना,
हमको  भी  वो  बेच   गया ।
सबको    उसने  चूसा  खूब,
बचे  हुए  को  फेंक  दिया।।

                -  मुकेश गोगडे

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.

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