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24.4.21

कवि श्रीकृष्ण शर्मा का गीत - " दीवार न ढाओ ! "

 यह गीत , कवि श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक -  " बोल मेरे मौन  "  (  गीत - संग्रह ) से लिया गया है -



 












दीवार न ढाओ !


मैं मन पर पत्थर रख लूँगा ,

यदि तुमको जाना है , जाओ !

लेकिन आँसुओं से धीरज की 

रेतीली दीवार न ढाओ !


शूल तुम्हारे पथ में होंगे ,

उठे धूल के बादल होंगे ,

आँधी - पानी धूप और लू 

घायल मन , ऊबे पल होंगे ;


पर बिछुड़न से टूटे प्रण ये ,

सूनेपन से झुलसे क्षण ये ,


कहते -  आँसुओं की बदली में ,

मेरी ज्योति तनिक मुस्काओ !

मैं मन पर पत्थर रख लूँगा ,

यदि तुमको जाना है , जाओ !!  **


      - श्रीकृष्ण शर्मा 

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.

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