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कवि संगीत कुमार वर्णबाल की कविता - " दिल कांप रहा "

 










दिल कांप रहा


हवा बह रही 
माहुर फैल रहा
दिल कांप रहा
मन भयभीत हुआ

दहसत का माहौल पनप रहा
कोरोना बिकराल हुआ
मानव व्याधि से ग्रस्त हुआ
दूरी एक दूसरे से बढ रहा

हे भगवन ये क्या हो रहा
जीवन अस्त व्यस्त हो रहा
स्पर्श से जहर फैल रहा
कौन बीमारी आ गया

लोग जीवन त्याग रहा
श्मशान शव से पट गया
मन व्याकुल सा हो रहा
अपनो से भी न लोग मिल रहा

हवा बह रही
माहुर फैल रहा  **


- संगीत कुमार वर्णबाल 
     जबलपुर

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.

2 comments:

  1. Replies
    1. बहुत - बहुत धन्यवाद , आदरणीय आलोक सिन्हा जी |

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