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9.2.22

कवि श्रीकृष्ण शर्मा का गीत - " वह मैं हूँ ! "

 यह गीत कवि श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " बोल मेरे मौन " ( गीत - संग्रह ) से लिया गया है -











वह मैं हूँ !


हर तबाही से बचा जो शेष, वह मैं हूँ !!


सुखों की ख़ातिर सहे मैंने सभी संताप,

प्यार पाने के लिए करता रहा हर पाप,

ग़ैर मनमाफ़िक नहीं जब कर सका व्यवहार,

जो मिले थे, ढो रहा हूँ मैं सभी वे शाप;


जो खुशी आई, गई वो दर्द को वो कर,

यदि मिला भी कुछ, मिला वह उफ़ सभी खो कर,


देख लो, जो देखने की चाह है तुमको,

यदि भविष्यत् का स्वयं का वेश, वह मैं हूँ!


हर तबाही से बचा जो शेष, वह मैं हूँ!! **


                                                   - श्रीकृष्ण शर्मा 

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संकलन - सुनील कुमार शर्मा , 

फोन नम्बर - 9414771867.  

2 comments:

  1. बहुत बहुत सुन्दर रचना

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  2. धन्यवाद आदरणीय आलोक सिन्हा जी |

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