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17.11.21

कवि श्रीकृष्ण शर्मा का गीत - " साथ किसका दूँ ? "

 यह गीत , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " बोल मेरे मौन "  ( गीत - संग्रह )  से लिया गया है -











साथ किसका दूँ ?


... और अब मेरे नयन पथरा रहे हैं ||


आँख के आकाश में बस आज केवल ,

मृत्यु के बादल सघन गहरा रहे हैं |

... और अब मेरे नयन पथरा रहे हैं !!


हँस रही मेरे अधर पर रेख नीली ,

आज अंतिम बार मेरी आँख गीली ,

मैं झरूँगा आज पतझर - पात - जैसा ,

इसलिए ही स्यात् मेरी देह पीली ,


रो रहे दुख साथ थे जो एक युग से ,

अब निराश्रित और बेघरबार हो कर ,

अब व्यथा ही रो रही है आठ आँसू ,

मैं जिसे लाता रहा दिन - रात ढो कर ,


साथ किसका दूँ , कहो जब आज मेरे ,

प्राण ही मुझको स्वयं बिसरा रहे हैं ?

... और अब मेरे नयन पथरा रहे हैं ||  **


                                       - श्रीकृष्ण शर्मा 

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 संकलन – सुनील कुमार शर्मा , फोन नम्बर – 9414771867

2 comments:

  1. बहुत सुन्दर रचना

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  2. धन्यवाद आदरणीय आलोक सिन्हा जी |

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