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5.11.21

कवि श्रीकृष्ण शर्मा की कविता - " औरत " ( 2 )

 यह कविता , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " अक्षरों के सेतु " ( काव्य - संकलन )  से ली गई है -











औरत ( 2 )


धरती 

जब वनस्पति बनी 

और उसकी सुगन्ध

फूल ,

- जंगल उसे लील गया |


किन्तु 

फैलती रहीं उसकी जड़ें 

आर - पार 

जंगल के ,

और अब -

वह एक औरत है |


पर जंगल 

आज भी नहीं हट रहा ,

... उसे घेरे हुए -

जंगल कट रहा है |

जंगल बढ़ रहा है | **

            - श्रीकृष्ण शर्मा 

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.


2 comments:

  1. धन्यवाद आदरणीय आलोक सिन्हा जी |

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