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12.9.21

कवि कमलेश शर्मा "कमल" की कविता - " राम से बड़ा राम का नाम है "

 














राम से बड़ा राम का नाम है 


राम से भी बड़ा राम का नाम है।
बन रहा अवध में राम का धाम है।।
आज मरते हे जो महलों के लिए,
जो महल छोड़ दे वो मेरे राम है।।

कण कण में बसे, तृण तृण में मिले।
राम तो निषाद और सबरी को मिले।।
छोड़ कर जात और पात के भेद को,
झूठे बेरों को खाते वही तो राम है।।

चाहे कोई भी पथ हो, कोई काम हो।
जानकी जैसा मुँह पर एक नाम हो।
एक नजर से तो देखो हनुमान की,
सबके मन में विराजे प्रभु राम है।।


भक्ति हो ऐसी, जैसे निष्काम है।
त्याग भाई सा हो, कितना सम्मान है।।
पितु वचन को निभाने वन को गए,
ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम है।।  **

                    - कमलेश शर्मा "कमल"
                                         मु. अरनोद, जिला-प्रतापगढ़ (राज.)
                                         9691921612


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 संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.

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