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कवि संगीत कुमार वर्णबाल की कविता - " होली का मौसम "

 











होली का मौसम 


होली का मौसम आ गया
अंदर बाहर रंग छा गया
तन  भी भींगा मन भी भींगा
रंग से मिजाज़ बदल गया
 होली का मौसम----

पराया भी अपना हुआ
प्रेम का रंग चढने लगा
जीजा साली में मेल हुआ
देवर भाभी एक हुआ
होली का मौसम-----

मर्द जनानी सब संग हुआ
होली का रंग सबके मन में छा गया
फागुन का महीना आ गया
ढोल नगाड़ा बजनें लगा
होली का मौसम----

चौक चौराहा पर टोली सजने लगा
रंग अबीर सब मिल खेलने लगा 
 बैठ , जाम से जाम टकरा रहा
रंगों का नशा चढ गया
होली का मौसम-----

राजा  रंग सब एक हुआ
ऊंच नीच का न भेद रहा
एक साथ सब रंग खेल रहा
मिष्ठान  मिल सब बांट रहा
होली का मौसम-----

गोरे काले में न फर्क रहा
सब एक रंग मे दिख  रहा
सब  का चेहरा बदल गया
कोई न पहचान में आ रहा

 होली का मौसम आ गया
अंदर बाहर रंग छा गया  **


         -  संगीत कुमार वर्णबाल 

                            जबलपुर 
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.


4 comments:

  1. Replies
    1. बहुत - बहुत धन्यवाद , आदरणीय निशांत सोनी जी |

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  2. Replies
    1. बहुत - बहुत धन्यवाद , आदरणीय आलोक सिन्हा जी |

      Delete

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