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7.1.20

पवन शर्मा - लघुकथा - '' सच में ''


( प्रस्तुत लघुकथा – पवन शर्मा की पुस्तक – ‘’ हम जहाँ हैं ‘’ से ली गई है ) 



सच में 

मैं देख रहा हूँ - अम्मा सुबह से ही भाभी पर गुस्सा हो रही हैं | हर बात पर कुछ - न - कुछ कह रही हैं , भाभी के लिए जहर भरे शब्द ! भाभी चुपचाप सुन रही हैं | आज ही नहीं ... पहले भी कई बार ऐसा हुआ है | अम्मा सुनाती  रहती हैं ... भाभी सुनती रहती हैं | कोई हस्तक्षेप नहीं कर पाता ... जो करे , उसी की शामत ... जैसे गेहूँ के साथ घुन पिस जाता है ... बिलकुल वैसे ही !
' अरे , तो मैंने ऐसी कौन - सी बात कह दई , जो तुम्हें चुभ गई | ' भाभी
बोलीं , पहली बार |
' कहीं नाएँ तो कह दे ... छूट है तोए | ' अम्मा जोर से चिल्लाई |
मैं सोचता हूँ - अम्मा को इतना गुस्सा क्यों आता है ?
' दस रुपए मांगे ... बई में इतनो बड़ो बवाल खड़ो कर दओ | '
' खसम से ले लेती ... मेरे पास का रख के चलो गओ है | ' अम्मा उसी गति से बोल रही हैं ... तेज चीख़ रही हैं |
मैं सोचता हूँ - अम्मा को टोक दूँ , पर ... |
' खसम ही तो रख के चलो जात है हर माह ... हाथ पे गिना के आठ सौ रुपल्ली | ' भाभी कहती है |
सच बोल दिया भाभी ने | अम्मा कुछ नहीं कह पातीं |
भाभी बड़बड़ातीं हैं , ' कब से कह रहीं हूँ , जे नरक से मेरो पिंड छुड़ा देओ ... अपने पास ही रहन देओ | सचमुच तंग आ गई हूँ | रोज - रोज की हाय - तौबा मोए ना पसंद | भाभी की आवाज भरभराने लगती है |
' रैह ले...बई के पास रैह ले...हाय राम ... नरक लगने लगो अब तो जे घर | '
अम्मा को फिर से एक ' प्वाइंट ' मिल गया , शायद ... लड़ने के लिए |
' मैं तो कब की रहन लगती उनके पास ... लेकिन जे घर मेरे पाँव रोक लेत हैं | जे घर पहले देखनो हैं मोकूँ ...नई तो सारे गाम चिल्लाती फिरो कि ... | ' भाभी की आवाज भर्रा उठती है |
भाभी ने सच कहा ... मैं आश्वस्त हो जाता हूँ |

                                   - पवन शर्मा 
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पवन शर्मा
कवि , लघुकथाकार 


पता
श्री नंदलाल सूद शासकीय उत्कृष्ट  विद्यालय ,
जुन्नारदेव  , जिला - छिन्दवाड़ा ( म.प्र.) 480551
फो. नं. - 9425837079 .
ईमेल – pawansharma7079@gmail.com

संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867

2 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार(८-०१-२०२०) को "जली बाती खिले सपने"(चर्चा अंक - ३५७४) पर भी होगी।

    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….

    अनीता सैनी

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  2. समाज के वही ताने-बाने में फँसी सुन्दर और रोचक लघुकथा। आँचलिकता कथा की शोभा बढ़ा रही है।   सादर 'एकलव्य'   

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